सोमवार, 7 नवंबर 2022

8 नवम्बर चन्द्र ग्रहण भारत में सही समय सूतक 8 नवम्बर सुबह 5:39 से Chandra grahan 2022.Lunar eclipse


8 नवम्बर चन्द्र ग्रहण भारत में सही समय सूतक 8 नवम्बर सुबह 5:39 से Chandra grahan 2022.Lunar eclipse


चंद्र ग्रहण 2022 कितने बजे लगेगा भारत में कहाँ कहाँ दिखेगा किस राशि की चमकेगी सोई किस्मत चन्द्र ग्रहण व सूतक का सही समय


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रविवार, 23 अक्तूबर 2022

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 मॉर्निंग न्यूज  इंडिया




की दिवाली: वर्ल्ड कप में विराट से हारा पाकिस्तान; रिकॉर्ड 15 लाख दीयों से रोशन


हुई अयोध्या


शुभेंदु प्रताप भूमंडल, न्यूज ब्रीफ एडिटर 25 मिनट पहले


आज का विचार


मॉर्निंग 'न्यूज 


आप इसके लिए जिम्मेदार नहीं है।



पर इसके लिए जिम्मेदार है।


सोमवार 24 अक्टूबर कार्तिक माह कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि 

नमस्कार,


आज की शुरुआत दिवाली की शुभकामनाओं के


साथ..। शाम 5 बजकर 50 मिनट से लक्ष्मी पूजा का


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मुहूर्त बन रहा है। अयोध्या में शनिवार को रिकॉर्ड 15

शनिवार, 15 अक्तूबर 2022

NHRC ने 6 राज्यों को नोटिस जारी किया

  Information gayn की खबर पर NHRC की कार्रवाई:


केंद्र और 6 राज्यों को नोटिस, पूछा- रोक के बाद भी मंदिरों में देवदासी क्यों बन रहीं महिलाएं



NHRC ने 6 राज्यों को नोटिस जारी किया

• कर्नाटक सरकार ने 1982 में और आंध्र प्रदेश सरकार ने 1988 में इस प्रथा को गैरकानूनी घोषित कर दिया।


राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 2013 में बताया था कि अभी भी देश में 4.5 लाख देवदासियां हैं।


जस्टिस रघुनाथ राव की अध्यक्षता में बने एक कमीशन के आंकड़े के मुताबिक सिर्फ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 80 हजार देवदासिया हैं।



• कर्नाटक में सरकारी सर्वे के मुताबिक राज्य में कुल 46 हजार देवदासियां हैं। सरकार ने केवल 45 साल से ऊपर की देवदासियों की ही गिनती की है।


• कर्नाटक राज्य देवदासी महिडेयारा विमोचना संघ के मुताबिक इनकी गिनती 70 हजार है।


सरकार ने इस पर रोक लगा रखी है, फिर ये प्रथा क्यों


फल-फूल रही है?


विश्वभारती विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और देवदासी परंपरा पर रिसर्च कर चुके डॉ. अमित वर्मा कहते हैं कि इसका जारी रहना वैसा ही है जैसे दहेज का कानून बनने के बाद भी लोग दहेज लेते हैं। बलात्कार के खिलाफ कानून है, लेकिन आए दिन बलात्कार और


देवदासी देवता से शादी कराकर यौन 



राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग यानी NHRC ने दैनिक भास्कर की खबर 'देवता से शादी कराकर यौन शोषण प्रेग्नेंट होते ही छोड़ देते हैं, भीख मांगने को मजबूर खास मंदिरों की देवदासियां पर बड़ा एक्शन लिया है। आयोग ने दक्षिण भारत के 6 राज्यों समेत केंद्र सरकार के दो मंत्रालयों को नोटिस भेजा है।

अब उस खबर को भी पढ़ लीजिए जिस पर NHRC ने कार्रवाई की....


देवदासियों का गढ़ यानी बेंगलुरु से तकरीबन 400 किलोमीटर दूर स्थित उत्तरी कर्नाटक का जिला कोप्पल । पूर्णिमा की रात और चांद की रोशनी से नहाया हुलगेम्मा देवी का मंदिर भक्तों से खचाखच भरा है। हुदो, हुदो... श्लोक चारों ओर हवा में तैर रहे हैं। इस श्लोक का उच्चारण करने वाली हर तीसरी महिला के गले में सफेद और लाल मोतियों की माला यानी मणिमाला है। हाथों में हरे रंग की चूड़ियां और चांदी के पतले कंगन हैं।


वे दीये जला रही हैं। उनके हाथ में बांस की एक टोकरी है। जिसे यहां के लोग पडलगी कहते हैं। इसमें हल्दी कुमकुम, अनाज, सब्जी, धूप, अगरबत्ती, सुपारी, पान पत्ता, केला और दक्षिणा रखी है। वे देवी मां को पडलगी में रखे सामान अर्पित कर रही हैं। मंदिर में मौजूद बाकी लोगों से इनकी पहचान अलग है। वहां मौजूद एक शख्स से पूछने पर पता चलता है कि ये महिलाएं देवदासी हैं। (पूरी खबर पढ़िए )


मानवाधिकार आयोग ने 3 पॉइंट्स पर मांगे हैं जवाब

छेड़खानी की घटनाएं होती हैं। कानून बनने के बाद भी बाल विवाह नहीं रुक रहा। यही हाल देवदासी प्रथा का भी है। इसकी जड़ें काफी गहरी हैं।





शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2022

कोल्ड वॉर के बाद दुनिया दो धड़ों में बंट गई थी।

 रूस-अमेरिका में हो ही जाती परमाणु जंग: फ्लोरिडा से 150 किमी दूर ट्रिगर दबने वाला था, एक महिला की वजह से टली 


24 सितंबर 2022 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, 'हमारे पास दुनियाभर में तबाही मचाने वाले खतरनाक हथियार हैं। पश्चिमी देश किसी झांसे में नहीं रहे, यह कोई गीदड़ भभकी नहीं है।'


पुतिन के बयान के 13 दिन बाद 7 अक्टूबर को अपनी पार्टी के लिए चंदा जुटाने के कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जबरदस्त पलटवार किया।

उन्होंने कहा, 'दुनिया अच्छी और बुरी ताकतों के बीच आखिरी जंग के करीब पहुंच गई है।'


इसके बाद से ही दुनिया के दो ताकतवर देशों के बीच तनी हुई है। एक्सपर्ट परमाणु जंग की संभावना जता रहे हैं। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। 1962 में भी दोनों देश परमाणु जंग के मुहाने पर आ गए थे, लेकिन तब एक महिला की वजह से तबाही टल गई थी।


आज की स्टोरी में 1962 के उसी किस्से के बारे में जानेंगे जब रूस ने अमेरिका से सिर्फ 150 किलोमीटर दूर मिसाइल तैनात कर दी थी।


सबसे पहले इस तस्वीर को देखिए....



जब 1962 में अमेरिकी राष्ट्रपति के संदेश ने दुनियाभर के लोगों को डराया

4 सितंबर 1962 की सुबह अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी ने एक चेतावनी जारी की अपने संदेश में राष्ट्रपति केनेडी ने अगले कुछ दिनों में जंग की संभावना जताई। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद एक बार फिर से परमाणु जंग जैसी हालात की बात सुनकर अमेरिका ही नहीं, दुनियाभर के लोग डर गए।

दरअसल, अमेरिका में फ्लोरिडा नाम का एक शहर है। सितंबर 1962 की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी को सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि इस शहर से 150 किलोमीटर दूर क्यूबा में रूस ने खतरनाक हथियार और मिसाइल तैनात की हैं।

इसके तुरंत बाद केनेडी ने अमेरिकी लोगों के लिए संदेश जारी किया था। करीब 40 दिन बाद 14 अक्टूबर को अमेरिकी जासूसी विमान ने 928 एरियल तस्वीरें खीचीं,


जिसमें क्यूबा में एक-दो नहीं बल्कि परमाणु मिसाइलों का जखीरा होने की बात सामने आई।

साथ ही अमेरिका के बड़े हिस्से पर परमाणु हमले की संभावना भी जताई गई। जासूसी एजेंसी से मिले इस इनपुट ने अमेरिकी सरकार की नींद उड़ा दी। यह शीत युद्ध के सबसे नाजुक लम्हों में से एक था, जब दुनिया परमाणु जंग के करीब थी।

केनेडी का आदेश मिलते ही नौसैनिकों ने क्यूबा को चारों तरफ से घेरा

जॉन एफ. केनेडी को ये बात बर्दाश्त नहीं हुई कि रूस ने अमेरिका की नाक के नीचे परमाणु मिसाइल तैनात कर दी। केनेडी ने अपने भाषण में साफ किया कि वे अमेरिका के पड़ोस में परमाणु मिसाइलें बर्दाश्त नहीं करेंगे। साथ ही केनेडी ने इस जंग को अंजाम तक


इस तस्वीर में 1962 क्यूबा मिसाइल क्राइसिस के दौरान कैरिबियाई सागर में P2V नेच्चून फाइटर जेट को उड़ान भरते हुए देखा जा सकता है। Source: time.com


क्यूबा पर हमले की तैयारी होने लगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी नौसेना को पूरी तरह क्यूबा को घेरने का आदेश दिया। इसके बाद आधुनिक हथियारों से लदे अमेरिकी नौसेना के बेड़े ने क्यूबा को चारों तरफ से घेर लिया।


क्यूबा ने हवा और मैदानी जंग के लिए खुद को कर लिया था तैयार


क्यूबा के राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो को इस बात का

अंदाजा था कि जैसे ही अमेरिका को परमाणु मिसाइल तैनात होने की खबर मिलेगी, वह जवाबी हमला करेगा। इसी वजह से क्यूबा ने पहले ही खुद को तैयार कर लिया था। पत्रकार डेविड वॉलमैन ने स्मिथसोनियन मैग्जीन में लिखे अपने एक लेख में बताया था कि क्यूबा में टैंक, रडार और आधुनिक हथियार पहुंच रहे थे।


क्यूबा पर होने वाले हवाई हमले के लिए रूसी रडार और मिसाइल तैनात की गई थी। रूसी सैनिक भी क्यूबा पहुंच गए थे, लेकिन क्यूबा की नौसेना ने ज्यादा तैयारी नहीं की थी। ऐसे में अमेरिका ने नौसेना को अपने पड़ोस में कैरिबियाई सागर के बीच बसे इस देश को चारों तरफ से घेरने का आदेश दिया।



22 अक्टूबर 1962 को भी जॉन एफ केनेडी ने टीवी पर पूरे देश को संबोधित करके मिसाइल क्राइसिस की पूरी जानकारी दी थी। साथ ही उन्होंने परमाणु जंग की संभावना जताई थी। 


परमाणु जंग के मुहाने पर खड़ी दुनिया को एक महिला


ने बचा लिया


4 सप्ताह तक दुनिया परमाणु जंग के मुहाने पर खड़ी रही। इस दौरान हर रोज क्यूबा और अमेरिका के लोग खौफ में अपनी जिंदगी जी रहे थे। दुनिया को इस खौफ से निकालने में एक महिला ने अहम भूमिका निभाई। इस अमेरिकी महिला का नाम था जुआनिटा मूडी ।


यह महिला अमेरिकी खुफिया एजेंसी में एक क्रिप्टोग्राफर के तौर पर काम करती थीं। मतलब ये कि इन्क्रिप्टेड कोड्स या संदेशों को पढ़ने का काम। अमेरिकी सेना ने कैरिबियाई सागर में क्यूबा को चारों तरफ से घेर लिया। अब तक रूस समुद्री रास्ते से ही क्यूबा को हथियार पहुंचा रहा था।


ऐसे में क्यूबा को हथियार देने के लिए रूस के पास अब जंग के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। जब हथियार लेकर रूसी जहाजों का ये बेड़ा कैरिबियाई सागर पहुंचा तो जंग के हालात बन गए।

ऐसा लगा कि अब कुछ ही समय में दोनों तरफ से परमाणु मिसाइल छोड़ी जाएंगी, लेकिन तभी जुआनिटा मूडी ने देखा कि रूसी जहाजों के बेड़े में से एक ने अपना रास्ता बदल लिया और वह वापस रूस की ओर जाने लगा।


आनिटा को लगा कि यह सोवियत सेना का एक संकेत है और रूस अमेरिका से टकराना नहीं चाहता है। जुआनिटा ने सबसे पहले इस बात की जानकारी संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत एडलाई स्टीवेंसन को दी। ऐसा इसलिए क्योंकि एडलाई स्टीवेंसन यूनाइटेड नेशन में बड़ी घोषणा करने वाले थे।


यह पहला संकेत था, जिससे अमेरिका को लगा कि रूस के साथ शांतिपूर्ण तरीके से हल निकाला जा सकता है। इसके बाद से ही शांति की पहल की शुरुआत हुई।


32 दिनों बाद अमेरिका से बात करने के लिए तैयार


हुआ रूस


28 अक्टूबर 1962 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी ने रूस के राष्ट्रपति निकिता ख्रुश्चेव को 2. संदेश भेजे। इसके बाद रूसी राष्ट्रपति ख्रुश्चेव की तरफ

से भी केनेडी को एक मैसेज मिला। इस मैसेज में कहा गया था कि रूस परमाणु मिसाइल हटाने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए अमेरिका को 2 शर्तें माननी होंगी। पहली शर्त: अमेरिका क्यूबा पर हमला नहीं करेगा। दूसरी शर्त: अमेरिका तुर्की में तैनात अपनी मिसाइलें हटा लेगा।


इस तरह दोनों देशों के बीच समझौता हो गया। इस तरह जूआनिटा मूडी ने दुनिया को परमाणु जंग से बचा लिया था।


क्यूबा की वामपंथी सरकार को बचाने के लिए रूस ने


तैनात की मिसाइल


कोल्ड वॉर के बाद दुनिया दो धड़ों में बंट गई थी। एक तरफ अमेरिका तो दूसरी तरफ रूस था। 1959 में हुई वामपंथी क्रांति के बाद 1959 में अमेरिका के समर्थक राष्ट्रपति फुलगेंसिया बतिस्ता क्यूबा की सत्ता से बाहर हो गए। इनकी जगह पर फिदेल कास्त्रो क्यूबा के राष्ट्रपति बने। इसके बाद कास्त्रो ने क्यूबा में अमेरिका की आर्थिक संपत्ति को देश की संपत्ति घोषित कर दिया। इतना ही नहीं रूस के साथ करीबी संबंध भी स्थापित


इस तस्वीर में ऑपरेशन 'बे ऑफ पिग्स' का मुआयना करते हुए फिदेल कास्त्रो नजर आ रहे है। इस घटना के बाद ही क्यूबा ने रूस से समझौता किया था। 

इस तरह क्यूबा में वामपंथी सरकार को बचाने की जिम्मेदारी रूस ने अपने कंधे पर ले ली। इसके बाद से ही खतरनाक हथियार और मिसाइल क्यूबा भेजे जा रहे थे। इसी के परिणाम स्वरूप रूस और अमेरिका दोनों जंग के मुहाने पर पहुंच गए थे।


 के कुछ और ऐसे ही नॉलेज बढ़ाने वाले आर्टिकल नीचे लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं.....

1. EWS रिजर्वेशन पर सुप्रीम बहस: वकील बोले सवर्णों को आरक्षण संविधान के सीने में छुरा घोंपने जैसा, SC ने कहा- जांचेंगे सही है ? 


क्या संविधान के खिलाफ है NEWS आरक्षण?



शिक्षा और सरकारी नौकरी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10% EWS रिजर्वेशन मिलना चाहिए या नहीं, ये इन दिनों देश में बहस का हॉट टॉपिक बना हुआ है। 13 सितंबर, 14 सितंबर और 15 सितंबर को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में तीखी बहस हुई। इस दौरान संविधान, जाति, सामाजिक न्याय जैसे शब्दों का भी जिक्र हुआ। भास्कर एक्सप्लेनर में इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में चली बहस की रोचक दलीलें और न्यायाधीशों


ये दोनों खबरें इसी महीने की हैं। 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू होने के बाद से ये रूसी सेना के लिए सबसे बड़ा झटका है।


भास्कर एक्सप्लेर में जानते हैं कि आखिर कैसे यूक्रेन ने किया पलटवार और इसमें कैसे अमेरिका और पश्चिमी देशों के हथियार कर रहे हैं मदद... (पूरी खबर यहां पढ़ें)

मंगलवार, 11 अक्तूबर 2022

भारत और साउथ अफ्रीका अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज का

 अफ्रीका को हराने के बाद जश्न में डूबी टीम इंडिया: बोलो ता रा रा रा गाने पर ठुमके लगाते नजर आए धवन, सिराज और कुलदीप स्पोर्ट्स डेस्क 13 मिनट पहले


शिखर धवन की कप्तानी में टीम इंडिया ने मंगलवार को इतिहास रच दिया। उन्होंने 12 साल बाद अपनी सरजमीं पर साउथ अफ्रीका को वनडे सीरीज में 2-1 से हराया। जीत बड़ी थी तो जश्न भी बड़ा होना था और वही हुआ। इंस्टाग्राम पर गब्बर ने टीम के साथ एक कमाल का वीडियो शेयर किया वीडियो में दलेर मेंहदी के फेमस गाने बोलो ता रा रा रा पर भारतीय टीम के

खिलाड़ी ठुमके लगाते नजर आए। कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज और शिखर धवन के स्टेप्स के तो लोग दीवाने हो गए। वहीं, श्रेयस अय्यर, ऋतुराज गायकवाड और रवि बिश्नोई टेबल पर चढ़ के डांस करते नजर आए। सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हो रहा है।


काला चश्मा गाने पर भी भारतीय खिलाड़ी कर चुके हैं

यह पहली बार नहीं था जब टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने ऐसा जश्न मनाया है। इससे पहले जिंबाब्वे को वनडे सीरीज में क्लीन स्वीप करने के बाद भी टीम इंडिया ने जबर्दस्त सेलिब्रेशन किया था। टीम के खिलाड़ियों ने 'काला चश्मा' गाने पर जमकर डांस किया था।


जीत के इस जश्न में शिखर धवन, ईशान किशन, आवेश खान जैसे स्टार डांस स्टेप करते नजर आए थे। 30 सेकेंड के इस वीडियो में ईशान ने अपने स्टेप से दर्शकों का दिल जीत लिया था। यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।अरुण जेटली स्टेडियम में क्या हुआ?


भारत और साउथ अफ्रीका अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज का तीसरा और निर्णायक मैच भारत ने सात विकेट से जीता। साउथ अफ्रीका की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 99 रन बनाए थे। इसके जवाब में भारत ने 19.1 ओवर में तीन विकेट खोकर टारगेट हासिल कर लिया।


भारत के लिए शुभमन गिल ने सबसे ज्यादा 49 रन बनाए। वहीं, कुलदीप यादव ने चार विकेट झटके। इस जीत के साथ ही भारत ने सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली। टीम इंडिया 12 साल बाद दक्षिण अफ्रीका से अपने घर में कोई वनडे सीरीज जीती।

अब आप सीरीज के टॉप परफॉर्मर नीचे देख सकते हैं....

सबसे ज्यादा रन बनाने वाले टॉप-3  बल्लेबाज


सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप-3 गेंदबाज



भारत VS साउथ अफ्रीका

 भारत VS साउथ अफ्रीका: भारत के


खिलाफ साउथ अफ्रीका का लोएस्ट स्कोर, 99 रन पर ऑलआउट हुई पूरी टीम


स्पोर्ट्स डेस्क 2 मिनट पहले





भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 3 वनडे मैचों की सीरीज का आखिरी और निर्णायक मैच आज दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेला जा रहा है। भारतीय टीम के कप्तान शिखर धवन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और पूरी अफ्रीकी टीम को 99 रन पर ऑलआउट हो गई। ये साउथ अफ्रीका का भारत के खिलाफ सबसे छोटा स्कोर है। भारत के


लिए सबसे ज्यादा 4 विकेट कुलदीप यादव ने लिए।


कैसे गिरे साउथ अफ्रीका के विकेट


साउथ अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक तीसरे वनडे में कुछ खास नहीं कर पाए। उन्हें वाशिंगटन सुंदर ने आउट किया। डिकॉक के बल्ले से 10 बॉल में सिर्फ 6 रन निकले।


• अफ्रीकी टीम को दूसरा झटका मोहम्मद सिराज ने दिया। उन्होंने यानेमन मलान को 15 रन बनाने के बाद पवेलियन भेजा।


• शानदार फॉर्म में चल रहे रीजा हेंड्रिक्स का विकेट भी मोहम्मद सिराज ने लिया। उन्होंने 21 बॉल में 3 रन बनाए।


• मार्करम का विकेट शाहबाज अहमद ने लिया। उन्होंने 19 बॉल में 9 रन बनाए। वहीं, पूरी तरह सेट हो चुके क्लासन को 34 रन बनाने के बाद शाहबाज ने बोल्ड कर दिया।


• शानदार फॉर्म में चल रहे कप्तान मिलर को वाशिंगटन सुंदर ने बोल्ड किया। वहीं, एंडिले फेहलुकवायो को विकेट कुलदीप यादव ने लिया।




मैच शुरू होने से पहले टीम इंडिया के खिलाड़ी अभ्यास करते हुए।


मैच का लाइव स्कोर देखने के लिए यहां क्लिक करें....


टीम इंडिया: शिखर धवन (कप्तान), शुभमन गिल, ईशान किशन, श्रेयस अय्यर, संजू सैमसन (विकेटकीपर), वाशिंगटन सुंदर, शाहबाज अहमद, शार्दूल ठाकुर, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज और आवेश खान ।


साउथ अफ्रीका: क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), यानेमन मलान, रीजा हेंड्रिक्स, एडेन मार्करम, हेनरिक क्लासेन, डेविड मिलर (कप्तान), मार्को जैन्सन, एंडिले फेहलुकवायो, ब्योर्न फोइन, लुंगी एनगिडी, एनरिक


12 साल बाद सीरीज जीतने का मौका 2010 के बाद भारतीय टीम अपनी सरजमीं पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक भी वनडे सीरीज नहीं जीत पाई है। उस सीरीज में टीम इंडिया को 2-1 से जीत मिली थी। वहीं, इसके बाद 2015 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 5 मैचों की वनडे सीरीज में भारत को 3-2 से हार का सामना करना पड़ा था।


12 साल बाद टीम इंडिया के बाद सीरीज जीतने का मौका है।


पहले जान लेते हैं पिछले मुकाबले में क्या हुआ? दूसरे मुकाबले में साउथ अफ्रीका को भारत ने 7 विकेट से हराया था। इस जीत के साथ भारत ने सीरीज में 1-1 से बराबरी हासिल कर ली थी। मैच में साउथ अफ्रीका के कप्तान केशव महाराज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था और उनकी टीम ने 50 ओवर में 7 विकेट खोकर 278 रन बनाए थे सबसे ज्यादा रन एडेन मार्करम के बल्ले से निकले थे। उन्होंने 89 बॉल में 79 रन की पारी खेली थी। वहीं, रीजा हेन्ड्रिक्स ने 76 बॉल में 74 रन बनाए थे।


जवाब में श्रेयस अय्यर और ईशान किशन की शानदार पारियों के दम पर टीम इंडिया को जीत मिली थी। अय्यर ने अपने वनडे करियर का दूसरा शतक जड़ा था। उन्होंने 111 बॉल का सामना किया था और 113 रन की पारी खेली थी। वहीं, ईशान ने मैच में 93 रन बनाए थे। इस दौरान उनके बल्ले से 7 छक्के निकले थे। संजू सैमसन ने भी 30 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली थी।


सोमवार, 10 अक्तूबर 2022

Besh kimti hira

 17 हजार करोड़ तैयार हीरे का निर्यात किया: तैयार हीरे का निर्यात सितंबर 2021 की तुलना में 2022 में 21.99% बढ़ा




सितंबर 2021 में 14 हजार करोड़ और साल 2022 में 17 हजार करोड़ तैयार हीरे का निर्यात किया गया।



वर्ष 2021 सितंबर की तुलना में इस अवधि में तैयार हीरों (कट और पॉलिश किए गए हीरे) के निर्यात में 21.99 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सितंबर 2021 में 14 हजार करोड़ और साल 2022 में 17 हजार करोड़


तैयार हीरे का निर्यात किया गया। साल 2021 में अप्रैल से सितंबर तक की तुलना में निर्यात में 4.71 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।


वर्ष 2021 में अप्रैल से सितंबर तक 91495 करोड़ रुपए के कट और पॉलिश हीरे निर्यात किए गए थे। जबकि वर्ष 2022 के दौरान 95805 करोड़ रुपए मूल्य के कट और पॉलिश हीरों का निर्यात किया गया है। साल 2021 के अप्रैल से सितंबर के मुकाबले साल 2022 में लैबग्रोन कट और पॉलिश्ड डायमंड्स का एक्सपोर्ट 70.26 फीसदी बढ़ा है। वर्ष 2021 के अप्रैल से सितंबर तक 4350 करोड़ कट और पॉलिश किए गए हीरे निर्यात किए गए, जबकि वर्ष 2022 में 7407 करोड़ कट और पॉलिश हीरे का निर्यात किया गया।


2021 के अप्रैल से सितंबर की तुलना में 2022 में कुल सोने के आभूषण निर्यात में 24.88 प्रतिशत की वृद्धि हुई। साल 2021 के अप्रैल से सितंबर के महीने में 31181 करोड़ रुपये, जबकि साल 2022 में कुल 38939 करोड़ सोने के आभूषणों का निर्यात किया गया था।

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